हेलो दोस्तों नमस्कार टॉप जॉब ज्ञान में आपका स्वागत है दोस्तों इस आर्टिकल के माध्यम से हम यह जानेंगे कि साक्षात्कार की परिभाषा और उसका अर्थ क्या है? वास्तव में जब भी हम किसी नौकरी के लिए फॉर्म अप्लाई करते हैं और हमारा जैसे ही इंटरव्यू के लिए कॉल लेटर आता है तो हम उस साक्षात्कार को किस रूप में देखते हैं ।उसकी सही एवं सरल परिभाषा क्या है? इस आर्टिकल में पढ़ेंगे तो चलिए स्टार्ट करते हैं।
साक्षात्कार की परिभाषा और अर्थ (Sakchatkar ki parbhasha)
सामान्यतः साक्षात्कार किसी भी प्रशासनिक या निजी क्षेत्र की प्रवेश प्रक्रिया या सेवा में चयन का अभिन्न अंग बन गया है। सरकारी क्षेत्र में जहाँ लिखित परीक्षा के पश्चात् साक्षात्कार का आयोजन होता है, वही निजी क्षेत्र में साक्षात्कार एवं समूह चचर्चा के द्वारा ही चयन प्रक्रिया सम्पादित की जाती है। साक्षात्कार की प्रक्रिया को सर्वप्रथम विश्व स्तर पर 1909 में इंग्लैण्ड ने अपनाया था।
साक्षात्कार किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच होने वाली एक अंतक्रिया या वार्तालाप है जिसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से पद, पदोन्नति अथवा शिक्षण संस्थान में प्रवेश हेतु उसकी उपयुक्तता की जाँच करने के लिए कुछ विशिष्ट प्रश्न पूछता है।
हैडर के कथनानुसार ‘ साक्षात्कार दो या अधिक व्यक्तियों के बीच होने वाला वार्तालाप है।
वर्तमान में संघ लोक सेवा आयोग, विभिन्न राज्य लोक सेवा आयोग और भर्ती बोर्ड व्यापम सिविल सेवा अधीनस्थ सेवा तथा उच्च राजकीय सेवा पदों के एवं सचिवालय सेवा के लिए अनिवार्य रूप से साक्षात्कार या व्यक्तित्व परीक्षण लिया जाता है।
लिखित परीक्षा से प्रत्याशी की केवल स्मरण शक्ति का ही परीक्षण हो पाता है जबकि साक्षात्कार से उसके सम्पूर्ण व्यक्तित्व से उसके मनोविज्ञान की झलक प्राप्त हो जाती है। साक्षात्कारकर्ता प्रत्याशी के व्यवहार संवाद-कौशल सामान्य जागरूकता निर्णनय समक्ष और सामान्य ज्ञान विभिन्न परिस्थितियों में उसकी निर्णय क्षमता, आत्मविश्वास, धैर्यशीलता, पद से सम्बंधित विधियों एवं प्रक्रियाओं का ज्ञान, तकनीकी ज्ञान आदि से उसकी उपयुक्तता आदि का आँकलन करता है।
साक्षात्कार का उद्देश्य (Skchatkar ka uses)
साक्षात्कार के उद्देश्य-लोक सेवा आयोग या कर्मचारी चयन आयोग के साक्षात्कार सामान्य रूप से निम्नलिखित उद्देश्य हो सकते हैं में
- प्रत्याशी के सम्पूर्ण व्यक्तित्व को परखना (जीवनवृत्त)
- पद के लिए प्रत्याशी की उपयुक्तता हेतु उसकी बौद्धिक क्षमताओं, सामाजिक परिवेश एवं पारिवारिक पृष्ठभूमि तथा व्यक्तित्व की विशेषताओं का आँकलन करना।
- प्रत्याशी के जीवन का लक्ष्य और उसकी आवश्यकताओं की जानकारी प्राप्त करना।
- यह पता लगाना कि प्रत्याशी को पद कार्यक्षेत्र या संगठन के विषय में सम्पूर्ण जानकारी है अथवा नहीं।
- यह जाँचना कि उत्तेजनापूर्ण या तनावपूर्ण परिस्थितियों में वह कैसा व्यवहार करता है। कहीं वह अपना शारीरिक एवं मानसिक संतुलन खो तो नहीं बैठता है।
ध्यान रहे-प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षा चाहे किसी भी स्तर की हो जो प्रतियोगी अच्छा प्रदर्शन करता है वह अपनी सफलता सुनिश्चित कर लेता है। साक्षात्कार के अंक मुख्यत: लिखित परीक्षा के न्यूनतम 12 प्रतिशत होते या 15 प्रतिशत होते हैं।
Nishkarsh
परीक्षा में साक्षात्कार के समय सम्बंधित विषय विशेषज्ञ एवं मनोवैज्ञानिक तथा न्यायिक सेवा में न्यायाधीश को भी साक्षात्कार बोर्ड में शामिल किया जाता है अत: आवश्यक है कि आपको विषय एवं विधि प्रक्रिया की जानकारी हो। विषय सम्बंधी एवं सामान्य जागरूकता एवं समसामयिक घटनाओं से सम्बंधित छोटे-छोटे प्रश्न पूछे जाते हैं।
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