दोस्तों टॉप जॉब ज्ञान के अंतर्गत हम आज जानेंगे, रोजगार से पहले, नौकरी से पहले आपको किस परिस्थिति से गुजरना पड़ता है। उसके बारे में आपको बताने वाले हैं। वह है पढ़ने के बारे में, padhai kaise kare jo yaad rahe याद करने के बारे में, एग्जाम को पास करने के बारे में, कैसे हम किसी भी एग्जाम को क्लियर कर सकते हैं?
कैसे हम अच्छे नंबर ला सकते हैं? कैसे हम किसी को अच्छा पढ़ा सकते हैं? बता सकते हैं। पढ़ाई करने का सही तरीका। कैसे हम पढ़ा हुआ न भूलें? आपको पढ़ाई के बारे में padhai kaise kare सबसे पहले समझना जरूरी होता है। वास्तव में नौकरी करने से पहले, किसी जॉब करने से पहले, हमारे माइंड में, हमारे दिमाग में सबसे पहला कामयाबी का ऑप्शन होता है पढ़ाई करना। पढ़ाई को ना भूलना आज padhai kaise kare motivation इसी पर चर्चा करते हैं। चलिए तो स्टार्ट करते हैं।
पढ़ाई में मन कैसे लगाएँ (padhai kaise kare)
आज इस पोस्ट को कंप्लीट देखना इसलिए जरूरी है क्योंकि इस पोस्ट में वह सारे राज खुल जाएंगे। जिससे आपको पता लगेगा कि कोई कैसे पढ़कर (padhai) आईएएस (IAS) बन जाता है। कोई कैसे पढ़कर आईपीएस (IPS) बन जाता है। आईएएस बनने के लिए करते हैं ऐसे प्रश्न? जिसका सलूशन कुछ ऐसा IAS Banne Ke Liye, कोई कैसे वकील (Lawyer) बन जाता है। आखिर वह कैसे पढ़ते हैं कि उनका एग्जाम क्लियर हो जाता है और टॉप कर जाते हैं।
दोस्तों जरा पोस्ट में बताए गए तरीके से पढ़ाई करते हैं तो आप यूपीएससी (UPSC) का एग्जाम भी निकाल सकते हैं। आप आए एग्जाम पास कर जाएंगे। बस पोस्ट कंप्लीट ध्यान से पड़ते रहिए और समझते रहिए कि आप आखिर क्यों बोलते हैं और पढ़ाई कैसे करें (padhai kaise kare) कि पढ़ा हुआ (padhai kaise kare jo yaad rahe) कभी भी ना भूले,
पढ़ाई कैसे करें जो ज्यादा याद रहे (padhai kaise kare jo yaad rahe)
बहुत सारे स्टूडेंट होते हैं और दूसरे जो सोचते नहीं हैं, जो सोचते हैं कि पढ़ लूंगा। भूल जाते हैं उनका भूलना (Padhai Me Bhulan) बहुत लाजिमी है। वह सोचते हैं कि पढ़ लूंगा ना जाने कब से सोचते आ रहे हैं और ना जाने कब तक सोचते रहेंगे कि पढ़ लूंगा। वह सोचते हैं कि पढ़ लूंगा पढ़ने के लिए सोचने के बाद वह 2 दिन तक पढ़ते हैं और उसके बाद भूल जाते हैं।
उनके भूलने का मुख्य कारण है कि उनका पढ़ाई में मन (Padhai Me Man) नहीं लगता ।वह मोटिवेट हो कर दो दिन पढ़ते हैं और उसके बाद Padhai बंद कर देते हैं। क्योंकि उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता और जव आपका Padhai Me Man Nahi लगेगा तो याद रहना असंभव है।
आप किसी भी चीज को, किसी भी टॉपिक को, किसी भी सब्जेक्ट को याद नहीं कर सकते और दूसरी तरह के स्टूडेंट जो पढ़ते (students who study) हैं वह सोचते नहीं। उनको बस पढ़ना है जैसे स्कूल के बच्चे उनको बस पढ़ना होता है। उनको कवर करना होता है। उनको बहुत सारा पढ़ना (Bahut Padhna) होता है।
पढ़ने के बाद भूल जाते हैं (Padne Ke Baad Bhulna)
बहुत सारा पढ़ने उनको पता है किस लिए बहुत सारा पढ़ाई (Bahut Padhai) कर रहे है। इसे कवर किया जाना चाहिए और वह रोज पढ़ते हैं डेली प्रैक्टिस करते हैं। उसके बावजूद भी भूल जाते हैं। न्यू सिलेबस को कवर करने में लगे रहते हैं और ज्यादा से ज्यादा पढ़ लेना चाहते हैं।
इसलिए वह भूल जाते (Bhool Jaate) हैं आप किस तरीके से पढ़ाई करते हैं? स्टूडेंट जो सोचते हैं कि पढ़ लूंगा और जो सोचते नहीं सिर्फ पढ़ते हैं। वह भी मेहनत करते हैं। दोनों प्रकार के स्टूडेंट मेहनत करते हैं। लेकिन जो पहले टाइप के स्टूडेंट है उनकी मेहनत 2 दिन की होती है वह मेहनत करना चाहते हैं। लेकिन कर नहीं पाते। दूसरे टाइप के स्टूडेंट मेहनत करते हैं लेकिन फायदा नहीं होता। तो आपको क्या करना है
आपको पढ़ना क्यों है? (Apko Padna Kyo)
पहले तो आप डिसाइड कर लीजिए कि आपको पढ़ना क्यों है? क्या आप आईएएस (IAS) बनने के लिए पढ़ना चाहते हैं? आईपीएस (IPS) बनने के लिए पढ़ना चाहते हैं? आप सिविल सर्विस एग्जाम के लिए तैयारी कर रहे हैं। स्कूल में पढ़ रहे हैं, आपको टॉप करना है, या कॉलेज में है ज्यादा नंबर लेने हैं।
आप जिस वजह से पढ़ाई कर रहे (Padhai Kar Rahe) हैं उसे नोट कर लीजिए, Padaye karne ka samy kya or kaise kare? उसे समझ लीजिए तो आपको पता है कि आप क्यों पड़ रहे हैं? आपको लगता है कि आपको पता लेकिन आपको पता नहीं है। इसे आप को ध्यान में रखना (Dhayan Me Rakhna) होगा। पहले आपको मंजिल तय करनी होगी उसके बाद रास्ता तय करना होता है।
कैसे चल आप पहले रास्ता डिसाइड नहीं कर सकते। जब तक आपकी मंजिल क्लियर नहीं है अपनी मंजिल को क्लियर (Majil Ko Kiliyar) कीजिए, उसके बाद अपने सिलेबस को छोटे-छोटे पार्ट में डिवाइड कर लीजिए, बहुत बड़ा सिलेबस लेकर चलिए, पढ़ना तो सब कुछ है लेकिन छोटे-छोटे लीजिए, उसके बाद जो पहले एक बार Pada पढ़ लीजिए ठीक है।
पढ़ते पढ़ते और सिर्फ पढ़ लीजिए (Padhte Padh Lijiye)
जितना समझ ना आए वह भी ठीक है। दिमाग पर जोर मत डालिए और पढ़ते जाइए (Padte Jaeai) । एक कहानी की तरह अगर आप गणित कर रहे हैं तो सवाल कर रहे ठीक है। उदाहरण के तौर पर आप किसी के साथ किसी अजनबी रास्ते पर कहीं जा रहे हैं। तो आज सिर्फ उसके साथ जाते हैं। उसके भरोसे चलते रहते हैं।
आप चलते-चलते जाइए, आप जब मंजिल पर पहुँचेंगे पहली बार मैं, आपको रास्ता याद नहीं करना उसी तरीके से आपको एक बार पढ़ते-पढ़ते और सिर्फ पढ़ लीजिए, जब आपको दोबारा जाना होता है तो साफ सोचते हैं कि शायद यह तीसरी बार हमारे साथ ना आए, तो आप उस पर कुछ पहचान लगाते हैं।
कुछ निशान लगाते हैं लगा लेना चाहिए, ताकि आपको वह रास्ता याद हो जाए (Yad Ho Jayga) , जब दूसरी बार आप पढ़ाई करें (Padhai Kare) ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं? तो आप नोट्स बनाएँ, नोट्स बनाते रहे और साथ ही साथ कुछ क्वेश्चंस ऐसे लिखे जो उस किताब से बन सकते हैं। या बाद में भी लिख सकते हैं।
नोट्स बनाने के बाद यानी दूसरी बार जब आप पढ़ाई करेंगे तो दूसरा काम आपका यह है कि आपको नोट्स बनाने हैं और कुछ क्वेश्चन तैयार (Question Readdy) हो सकते हैं। जितने भी तैयार हो सकते हैं और वैकल्पिक ऑप्शन दिए जाते हैं और कुछ क्वेश्चन छोटे-छोटे या बड़े एक्सप्लेन किया जाना चाहिए,
पढ़ा हुआ समझ आ जाएगा (Padha Huaa Samjhe)
इस प्रकार से क्वेश्चन तैयार कर लीजिए, जब आप का सेकंड पार्ट कंप्लीट हो जाए फिर डरने की जरूरत नहीं है। बस बहुत सारा है आपके पास टाइम (Part-Taim) भरपूर होता है। कंप्लीट देखते हम आपको वह भी बताएंगे कि आपको टाइम कहाँ से मिलेगा? कैसे मिलेगा? जव आपका सेकंड पार्ट कंप्लीट हो जाए उसके बाद आप का थर्ड पार्ट है।
फिर से पढ़िए और वह क्वेश्चन पहले पढ़ लीजिए जो आपने तैयार किए हैं। उनको दिमाग में रखकर (Dimag Me Rakh Kar) आप दो तीन बार पढ़ लेते हैं। क्वेश्चन करने की जरूरत नहीं रहेगी। वैसे ही याद हो जाते हैं उसके बाद पढ़ाई कीजिए, आपके दिमाग में रखेंगे। उनको लेकर आप पढ़ाई करेंगे।
तो आप सुबह उठते समय बोर नहीं होंगे और आपका तीसरी बार में इंटरेस्ट बनेगा। पढ़ाई में और आपको पता है इंटरेस्ट बनने का मतलब है कि आप को पढ़ा हुआ समझ आ जाएगा। आप को पढ़ा हुआ याद हो जाएगा। आप भूलेंगे नहीं आपको पढ़ाई में मजा (Padhai Me Maja) आएगा।
दोस्तों अगर आप टाइम से तैयारी शुरु करते हैं, अगर आप स्कूल में है, कॉलेज में, तो आपके पास टाइम होता है। पढ़ाई करने का (Padhai Karne Ka) अगर आप अपने सिलेबस को शुरू से ही सही करना शुरू करते हैं। तो टाइम मैनेजमेंट की जरूरत ही नहीं पड़ती।
पढ़ा हुआ समझ नहीं आता (Pada Huaa Samjh Me Nahi)
अगर आपको पढ़ा हुआ समझ नहीं आता। पहले यह समझ नहीं आप पढ़ा हुआ तब बोलते हैं। जब आप को पढ़ा हुआ समझ नहीं (Padha Huaa Samjh) आता, आप ने दसवीं क्लास में आप हैं। यह सोचे आप खुद से सवाल कीजिए कि आप जो पिछली क्लास थे। जो आपने पहले पढ़ा था क्या वह आपको याद है नहीं,
कुछ क्वेश्चन याद (Question Yad) होंगे। लेकिन आपको सिलेबस की इतनी गहरी समझ है कि आप किसी को समझा सके, अपने जूनियर को क्योंकि आपको समझ नहीं आता और समझ क्यों नहीं आता? समझ आपको इसलिए नहीं आता क्योंकि आप पढ़ते
पढ़ेंगे तो आपको समझ नहीं आएगा? एग्जाम में पास (Pass In Exam) होने के लिए पढ़ते हैं? नंबर हासिल करने के लिए पढ़ते हैं? आप किसी से आगे बढ़ने के लिए पढ़ते हैं? इसलिए आपको समझ नहीं आता दोस्तों पढ़ाई करते हैं एक बात का ध्यान रखें (Padhai Me Dhyan Rakhe) । पढ़ाओ यह नहीं कि पढ़ लिया बस जो भी पढ़ा हो वह पढ़ा हुआ होना चाहिए,
आपको क्यों पढ़ना चाहिए (Kya Padhna Chahiye)
आप उसे जानते हो उसके बारे में आपको पता होगा। किसी को समझाना हो, तो आप उसे समझा सके. कि आपने क्या पढ़ा था। आपने पिछली क्लास में क्या पढ़ा है? आज किसी को समझा सके, उसे अच्छे से अंडरस्टैंड कर सके, यानी आपको जानकारी के लिए पढ़ना चाहिए.
अगर आप पढ़ रहे हैं, इतिहास (History) पढ़ रहे हैं, तो आपको पता होना चाहिए इतिहास में क्या हुआ था? आजादी (Independence) के बारे में अगर पढ़ रहे हैं, आजादी के बाद का भारत पढ़ रहे हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि आजादी के बाद क्या-क्या हुआ? आप पढ़ रहे हैं, गणित (Mathematics) पढ़ रहे हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि फार्मूला उसका क्या है?
दोस्तों आप जानते हैं कि जो किताब में लिखते हैं वह कोई आसमान से उतरे हुए लोग नहीं होते। आप ही की तरह पढ़े लिखे बी. ए., एम. ए., पी. एच. डी. (B. A., M. A., P. H. D.) वाले लोग होते हैं। तो उनकी तरह थॉट बताइए यह समझे कि आपको किसी को समझाना है।
अपनी नॉलेज बढ़ाने के लिए इतिहास पढ़ रहे हैं, तो जानकारी के लिए पढ़िए (Jankari Ke Liye Padhiye) की इतिहास में हुआ क्या था? आखिर देश आजाद हुआ है तो किसका योगदान था। क्या योगदान दिया? अलग-अलग तरीके की प्रैक्टिस कीजिए, आपने सुना है “करत करत अभ्यास जड़मति होत सुजान, रसरी आवत जात ते सिल पर परत निशान”
समझने की कोशिश कीजिए (Samjhne Ki Kosis Kare)
आप प्रेक्टिस करके अच्छा कर (Achha Practice) सकते हैं अपनी समझ को बढ़ा सकते हैं। डेली रूटीन में सबसे जरूरी है एक बात और आपको एक अच्छी किताब ले लीजिए, अच्छे से मतलब है जो आपको पसंद हो। पसंद का मतलब कोई भी किताब अच्छी कहानियाँ, प्रेमचंद (Premchand) की हो सकती है। कोई उपन्यास हो सकता है।
विवेकानंद (Vivekananda) की कोई पुस्तक हो सकती है। महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के बारे में कोई पुस्तक हो सकती है। या किसी की बायोग्राफी जिसे आप जानना चाहते हैं। जिसके बारे में आप जानना चाहते हो, उसको अपने पार्ट टाइम में जरूर पढ़िए.
इससे आपको फायदा होगा। दिमाग के अंडरस्टैंडिंग भाई जी आपको नींद अच्छी आएगी। सुबह आप जल्दी नींद खुलेगी। अगर आप रात को अच्छे से सोए हैं तो जाहिर-सी बात है सुबह जल्दी उठेंगे और एकता और अच्छे दिमाग के साथ कुछ प्रैक्टिकल बाते हैं और जब आपका दिमाग फ्रेश (Mind Fresh) होगा। तो आपको समझ में आएगा उसे दो-तीन बार पढ़ लीजिए तो आपको समझ आना शुरू हो जाएगा। उसके बाद आप किसी को समझा दीजिए उसके बाद लिख दीजिए,
आपके पास दिमाग है (Aapke Pas Dimag)
यदि समझ में नहीं आता तब तक उसे समझने की कोशिश कीजिए, जब तक आप किसी और के सामने बता ना सके. क्या आपको समझ में आए, अगर दिमाग होते तो आप पढ़ नहीं रहे होते। आप पढ़ रहे हैं इसका मतलब आपके पास दिमाग (Apke Pas Dimag) है। बस जरूरत है उसको सही इस्तेमाल करने का।
दोस्तों अक्सर स्टूडेंट एक प्रश्न का उत्तर (Question Answer) याद करने में काफी टाइम लगा देते हैं। ऐसे बहुत से क्वेश्चन होते हैं जो सॉल्व करने में काफी टाइम लगा देते हैं। अगर आप किसी भी एक तरीके को अपना लेते हैं और अच्छे से समझ लेते हैं। तो सिर्फ एक बार पढ़ने पर आपको प्रश्न का उत्तर याद हो जाएगा।
आपका कोई भी सब्जेक्ट (subject) हो, हिंदी, इंग्लिश, मैथ, (Hindi, English, Maths) आप जब पढ़ने बैठे तो आपका माइंड सेट ऐसा होना चाहिए आपको खुद को यह समझना है और अपने दिमाग को भी यह समझाना है कि आप जो प्रश्न पढ़ने (Prashne Padhne) जा रहे हैं वह प्रश्न किसी को समझाने के लिए पढ़ना है।
वह कोई भी हो सकता है। आपकी गर्लफ्रेंड, बॉयफ्रेंड या आपका छोटा भाई, आपकी छोटी बहन या आपका कोई दोस्त जिसे उस प्रश्न के बारे (About The Question) में ना पता हो तो अगर आपका माइंड ऐसा बना हुआ है कि मुझे किसी को समझाना है। तो अगर आप समझाने के लिए पढ़ते (Samjhe Ke Liye) हैं तो एक ही बार में आपका दिमाग प्रश्न का उत्तर अच्छे से कैच कर लेगा।
हमेशा के लिए याद हो जाएगा (Hameswha Ke Liye Yad)
अच्छे से समझ लेगा और कोशिश कीजिए कि किसी व्यक्ति को, जो इसके बारे में उसको पता ना हो आप इस प्रश्न को समझाएँ। तो आप भूलेंगे कभी नहीं। आपको हमेशा के लिए याद (Hamesa Yad) हो जाएगा। दूसरा तरीका यह है कि आप अपनी नॉलेज को बढ़ाने (Enhance Knowledge) के लिए इस प्रश्न को पढ़िए, अपनी समझ को बढ़ाने के लिए पढ़ना है। अपनी नॉलेज करने के लिए पढ़ना है। तो आप एक बार में ही प्रश्न का उत्तर अच्छे से समझ जाएंगे।
सबसे जरूरी है आप अगर कोई ख्वाब देखते हैं। आपने कोई सपना पाल रखा है। उसके बाद आप जो होने वाले हैं उसकी नॉलेज के लिए (Nolej Ke Liye) अगर आपको वकील बनना है तो वकालत की नॉलेज के लिए, अगर आपको यह समझ कि मुझे नॉलेज होनी चाहिए, वकील बनना है तो वकालत के क्षेत्र में पढ़ना जरूरी है।
यदि आपको आईएएस बनना है तो IAS की नॉलेज के लिए पढ़िए, 12वीं के बाद आईएएस की तैयारी कैसे करें? IAS / IPS ki Taiyari kaise Karen? अगर आप अपने माइंड सेट को ऐसा तैयार कर सकते हैं तो दावा है कि आप एक बार में ही प्रश्न का उत्तर अच्छे से समझ जाएंगे और याद हो जाएगा। इस तरह से दोस्तों आप अपने लिए प्यार कर सकते हैं और आप कभी नहीं भूलेंगे।
पोस्ट निष्कर्ष
दोस्तों अपने ऊपर दिए गए कंटेंट में यह जाना कि हम अच्छी पढ़ाई कैसे कर (Padhai Kaise Kare) सकते हैं? पढ़ाई करने का सही तरीका (Padhai Karne Ka Tarika) कैसे हम किसी भी चीज को पढ़कर याद कर सकते हैं? कैसे हम अपना एक माइंड सेट तैयार कर सकते हैं। आदि तमाम जानकारी को आपने पढ़ा। आशा है ऊपर दी गई जानकारी आपको जरूर अच्छी लगी होगी और आप पढ़ने के लिए तैयार होंगे। पोस्ट पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें धन्यवाद। आपकी कामयाबी ही हमारा उद्देश्य।
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