Interview Process क्या और कैसे? साक्षात प्रक्रिया के दौरान जरूरी

टॉप जॉब ज्ञान में आपका स्वागत है। इस ज्ञान शृंखला के अंतर्गत जानेंगे साक्षात्कार के समय क्या प्रोसेस की जाती है? Interview Process इन हिन्दी जानकारी के अनुसार आप जानेंगे, इंटरव्यू के दौरान क्या-क्या प्रोसेस की जाती है? कैसे इंटरव्यू की जाती है और कैसे प्रश्न पूछे जाते हैं? क्या उसके रूल्स, आदि तमाम जानकारी आप इस आर्टिकल के अंतर्गत पढ़ने वाले हैं। इसे पूरा पढ़ें आपको कामयाबी दिलाने में यह बहुत मदद करेगा तो चलिए जानते हैं।

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साक्षात्कार की प्रक्रिया (Interview Process)

अध्ययनों से पता चला है कि साक्षात्कार बोर्ड प्रत्यार्शी के कक्ष में प्रवेश करने के 30 से 120 सेकण्ड के अन्दर ही उसके विषय में अपनी धारणा बना लेता है। इसके बाद वह प्रत्याशी से वार्तालाप करके अपनी धारणा की पुष्टि करता है। वास्तव में यह सत्य है।

क्योंकि आप जैसे ही साक्षात्कार बोर्ड के सामने जाते हैं तो आपके बाह्य व्यक्तित्व से आपके गुण जैसे-चाल-ढाल, आत्मविश्वास, शिष्टाचार, मन की उमंग एवं उत्साह आदि स्वतः ही झलकने लगते हैं। सामान्यतया प्रत्याशी के बैठने के लिए जो कुर्सी रखी जाती है, वह साक्षात्कार कक्ष के दरवाजे से दूर रखी जाती है ताकि प्रत्याशी को कुर्सी तक पहुँचने में कुछ समय लगे और इस समयान्तराल में साक्षात्कारकर्ता उसके उपर्युक्त गुणों का आकलन कर लें।

इसलिए यह आपके साक्षात्कार की तैयारी (Interview Process) का वह महत्त्वपूर्ण भाग है, जिसके माध्यम से आप अपने व्यक्तित्व को सकारात्मक रुख दे सकते हैं। आपको सीधा और आत्मविश्वास के साथ चलना चाहिए। आपके चेहरे पर मुस्कान हो और आप प्रसन्नचित्त लगें।

आप चलने के सही ढंग का अभ्यास अपने घर पर कर सकते हैं और उस पर अपने मित्रो व साथियों के टिप्पणी करने को कह सकते हैं। उनकी टिप्पणियों के अनुसार अपने चलने के ढग में सुधार कर सकते हैं। प्रत्याशी के कुर्सी के पास पहुँचने तक साक्षात्कारकर्ता चुप्पी साधे रहते हैं।

इंटरव्यू के समय हमें चाहिए (Interview Process In Hindi)

वे यह देखते हैं कि इस चुप्पी के मध्य आप क्या करते हैं। इस अंतराल में यही उचित है कि आप साक्षात्कार बोर्ड के सदस्यों का अभिवादन करें। आपकों जब तक न कहा जाए कुर्सी पर न बैठें और साक्षात्कार बोर्ड की अनुमति की प्रतीक्षा करें। कभी-कभी साक्षात्कारकर्ता हाथ मिलाने की पहल करते हैं।

ऐसा आपके आत्मविश्वास का परीक्षण करने के लिए किया जाता है। हाथ मिलाने से भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का पहचान होती है। निर्बलता से हाथ मिलाना व्यक्तित्व की हीनता को प्रदर्शित करात है, जबकि गर्मजोशी से हाथ मिलाना आत्मविश्वास को प्रकट करता है।

जो लोग अत्यधिक कसकर हाथ मिलाते हैं, उन्हें पसन्द नहीं किया जाता, यह एक प्रकार की अशिष्टता है। कसकर हाथ मिलाने वाले लोग या तो असुरक्षा की भावना से ग्रस्त रहते हैं। अथवा उत्तेज प्रवृत्ति के होते हैं।

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इंटरव्यू में क्या-क्या प्रश्न पूछे जाते हैं (Interview Processing Question Answer)

यद्यपि साक्षात्कार के प्रश्नों के लिए कोई निश्चित क्रम या प्रारूप निर्धारित नहीं है, फिर भी इसके प्रारूप को निम्नलिखित चार प्रकार के प्रश्नों के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।

  1. अनौपचारिक प्रश्न,
  2. सूचनात्मक प्रश्न,
  3. तार्किक प्रश्न,
  4. विशिष्ट प्रश्न,

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1-अनौपचारिक प्रश्न सामान्यत (Informal Question) :

साक्षात्कार का प्रारम्भ अनौपचारिक प्रश्नों से होता है। इस तरह के प्रश्न प्रत्याशियों को अच्छा प्रदर्शन करने हेतु सहज बनाते हैं और उनमें आत्मविश्वास का संचार करते हैं। साक्षात्कार बोर्ड द्वारा ऐसे प्रश्न पूछने का उद्देश्य प्रत्याशियों को सहज बानान, उनके मन में साक्षात्कार के प्रति उत्पन्न भय को दूर करना और साक्षात्कार को रुचिकर बनाना होता है। ये प्रश्न प्रत्याशी की शिक्षा, पारिवारिक पृष्ठभूमि उसकी रुचियों, शौक, सामान्य जागरूकता और सामान्य अभिरूचि के अन्य क्षेत्रों से सम्बन्धित हो सकते हैं।

2-सूचनात्मक प्रश्न (Informative Question) :

जब प्रत्याशी कुछ सहज हो जाता है तो उससे कुछ सूचनात्मक प्रश्न किए जाते हैं। क इस तरह के प्रश्नों से प्रत्याशी के व्यक्तित्व और उसकी उपलब्धियों के सम्बन्ध में अधिकाधिक जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है।

3-तार्किक प्रश्न (Reasoning Question) :

चूँकि साक्षात्कार में प्रत्याशी के सम्पूर्ण व्यक्तित्व का परखा जाता है इसलिए उसके व्यक्तित्व की अन्य विशेषताओं के साथ-साथ उसके कुछ परोक्ष गुणों जैसे-निर्णय क्षमता, विश्लेषण क्षमता के परीक्षण के लिए उससे तार्किक प्रश्न किए जाते हैं।

इस प्रकार के तार्किक प्रश्नों द्वारा प्रत्याशी के सामान्य ज्ञान, किसी विशिष्ट विषय पर उसके अध्ययन, नवीनतम घटनाक्रमों की जानकारी एवं चारों ओर घटने वाली घटनाओं के प्रति उसकी रुचि व जागरूकता आदि का परीक्षण किया जाता है। तार्किक परीक्षण में इस बात का भी मूल्याकंन किया जाता है कि किसी दी हुई परिस्थिति अथवा सामाजिक समस्या हेतु प्रत्याशी अपनी बुद्धि का सर्वश्रेष्ठ उपयोग किस प्रकार करता है।

4-विशिष्ट प्रश्न (Specific Question) :

विशिष्ट प्रकार के प्रश्नों में तथ्यों एवं आँकड़ों से सम्बन्धित प्रश्न होते हैं। जिनके माध्यम से प्रत्याशी के विशिष्ट विषय सम्बन्धी ज्ञान का परीक्षण किया जाता है। साक्षात्कार बोर्ड प्रत्याशी के सम्बन्ध में अन्तिम निर्णय लेने के लिए कुछ प्रश्नों को दोहरा भी सकता है। ऐसा करके वह यह देखना चाहत हौ कि प्रत्याशी अपने विचारों पर दृढ़ रह पाता है अथवा नहीं।

उपरोक्त विवरण द्वारा साक्षात्कार की प्रक्रिया से परिचय कराने का प्रयास किया गया है। प्रत्याशी को सफलता हेतु यह सलाह दी जाती है कि वह विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होने वाले सफल प्रत्याशियों के साक्षात्कार पढ़े। आजकल कुछ अच्छे साक्षात्कार प्रशिक्षण संस्थान भी खुल गए हैं, इन संस्थानों में प्रवेश लेकर भी साक्षात्कार सम्बन्धी ज्ञान एवं अनुभव प्राप्त किया जा सकता है।

इंटरव्यू के समय हमें क्या करना चाहिए?

तनावपूर्ण स्थिति में शान्त रहना: यदि कोई व्यक्ति प्रतिकूल परिस्थितियों में अपनी भावनाओं पर नियन्त्रण नहीं रख पाता तो वह अपनी क्षमताओं एवं योग्यताओं का उचित उपयोग नहीं कर पाता। तनाव व्यक्ति के शरीर एवं मस्तिष्क को अनेक प्रकार से प्रभावित करता है।

यह शारीरिक क्षमता को कम करता है। विवेक और बुद्धि का कुंठित करता है। यह अकारण भय, थकान, चिड़चिडापन अलगाव, अवसाद और भावनात्मक अस्थिरता उत्पन्न करता है। इन प्रतिकूलताओं से बचने के लिए शरीर व मस्तिष्क का सन्तुलन बनाए रखना आवश्यक है। प्रत्याशियों को तनाव के कारणों को खोजकर उन्हें दूर करने का प्रयास करना चाहिए और सैदव शान्त चित्त रहना चाहिए।

आत्मविश्वास: आत्मविश्वास को सफलता की कुञ्जी कहा जाता है। आत्मविश्वास के बल पर व्यक्ति कठिन से कठिन परिस्थितियों को अपने अनुकूल बना सकता है। आत्मविश्वास नेतृत्व का आधार है। साक्षात्कार के समय आपके प्रदर्शन में आत्मविश्वास महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

यह व्यक्तित्व के अन्य गुणों के साथ मिलकर आपके प्रदर्शन को प्रभावशाली बनाता है। जब आप अपने अन्दर इस गुण का विकास कर लेते हैं तो आप स्वयं पर अधिक विश्वास करने लगते हैं, आपके अन्दर आत्म स्वीकृति का भाव उत्पन्न होता है और आप अपनी सफलता के प्रति विश्वास से भर जाते हैं।

Read: साक्षात्कार से पूर्व आपको कौन-सी बातों का ध्यान रखना चाहिए?

आत्मविश्वास बढ़ाने का सबसे सरल तरीका

परन्तु सफलता पाने का यह आत्मविश्वास रूपी अस्त्र एक या दो दिन में प्राप्तक नहीं किया जा सकता। इसका विकास जीवन के प्रत्येक पहलू से जुड़ा होता है। जैसे-जिस वातावरण में आप रहते हैं, आपने जहाँ शिक्षा प्राप्त की है, आपने अभी तक के जीवन में जो उपलब्धियों हासिल की हैं इत्यादि।

आत्मविश्वास बढ़ाने का सबसे सरल तरीका महान व्यक्तियों जैसे-महात्मा गाँधी, सुभाषचन्द्र बोस जैसे लोगों की जीवनियाँ पढ़नी चाहिए। स्वेट मार्डन की पुस्तकें जैसे-सफलता की कुञ्जी आदि का अध्ययन भी उपयोगी है। जब आप आत्मविश्वास से भर जाते हैं।तो आपके अन्दर उपस्थित भय, आशंका, आत्महीनता, जैसे नकारात्मक तत्त्व समाप्त हो जाते हैं।

और आप स्वयं को क्षमतावान व समर्थ अनुभव करने लगते हैं। जिस व्यक्ति में अपनी शक्तियों को पहचान कर उनके उचित उपयोग की समझ उत्पन हो जाती है।वह अपने प्रत्येक कार्य में उनका उपयोग कर सकता है।

निष्कर्ष:

ऊपर दिए गए आर्टिकल के अनुसार आपने साक्षात्कार प्रक्रिया Interview Process को अच्छी तरह से जाना। आशा है आपको यह जानकारी उपयोगी लगी होगी। आपकी कामयाबी ही हमारा लक्ष्य है। आर्टिकल पढ़ने के लिए धन्यवाद,

और अधिक पढ़ें: साक्षात्कार के समय आपको क्या नहीं करना चाहिए?