दोस्तों आज की दुनिया में व्यापार और वित्तीय प्रबंधन के लिए अकाउंटिंग (Accounting) एक आवश्यक प्रक्रिया है। चाहे किसी छोटे व्यवसाय की बात हो या बड़े कॉर्पोरेट की, अकाउंटिंग के बिना फाइनेंशियल लेन-देन को ट्रैक करना असंभव है। इस लेख में हम अकाउंटिंग का अर्थ, परिभाषा, इसके कार्य, Accounting बनने के लिए आवश्यक योग्यता, और इससे जुड़ी सैलरी पर चर्चा करेंगे। चल स्टार्ट करते हैं या इनफॉरमेशन ब्लॉग पूरा पढ़ें।
अकाउंटिंग का अर्थ और परिभाषा
Meaning (अर्थ) :
Accounting, जिसे “लेखा-जोखा” कहा जाता है, एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें वित्तीय लेन-देन को रिकॉर्ड, वर्गीकृत और संक्षेपित किया जाता है। यह व्यवसाय के आर्थिक प्रदर्शन को समझने और निर्णय लेने में मदद करता है।
Definition (परिभाषा) :
अकाउंटिंग को अमेरिकन अकाउंटिंग एसोसिएशन (AAA) ने परिभाषित किया है:
“Accounting is the process of identifying, measuring, and communicating financial information to permit informed judgments and decisions by users of the information.”
(अर्थ: अकाउंटिंग वह प्रक्रिया है, जिसमें वित्तीय जानकारी को पहचानना, मापना और संप्रेषित करना शामिल है, ताकि उपयोगकर्ता उचित निर्णय ले सकें।)
अभी आपने अकाउंटिंग के अर्थ और परिभाषा को जाना। चलिए अब हम इसके कार्य को पढ़ते हैं।
अकाउंटिंग के प्रमुख कार्य
1- लेन-देन का रिकॉर्ड रखना:
Accounting का प्राथमिक कार्य सभी वित्तीय गतिविधियों को रिकॉर्ड करना है। इसे बुककीपिंग भी कहा जाता है।
2- वर्गीकरण और विश्लेषण:
वित्तीय लेन-देन को वर्गीकृत कर, लाभ-हानि, बैलेंस शीट और अन्य रिपोर्ट तैयार की जाती हैं।
3- फाइनेंशियल रिपोर्ट तैयार करना:
यह व्यापार के आर्थिक प्रदर्शन और वित्तीय स्थिति का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है।
4- कर योजना और अनुपालन:
टैक्स रिटर्न दाखिल करने और टैक्स नियमों का पालन सुनिश्चित करने में मदद करता है।
5- फैसले लेने में मदद:
वित्तीय डाटा के आधार पर प्रबंधन को सही निर्णय लेने में सहायता प्रदान करना।
जैसे कि आपने अकाउंटिंग के कुछ प्रमुख कार्य के बारे में जाना। चलिए अब हम इसके कुछ प्रकार जानते हैं।
अकाउंटिंग के प्रकार
- फाइनेंशियल अकाउंटिंग:
वित्तीय रिकॉर्ड और रिपोर्ट तैयार करना। - मैनेजमेंट अकाउंटिंग:
आंतरिक प्रबंधन के लिए रिपोर्ट तैयार करना। - टैक्स अकाउंटिंग:
टैक्स की गणना और अनुपालन। - ऑडिटिंग:
वित्तीय रिकॉर्ड की जाँच और सत्यापन। - कॉस्ट अकाउंटिंग:
उत्पादों और सेवाओं की लागत का विश्लेषण करना।
अपने ऊपर दिए गए कंटेंट के माध्यम से अकाउंटिंग के प्रकार के बारे में पढ़ा। चलिए अब हम इस नौकरी को पाने के लिए हमारे अंदर क्या योग्यता होनी चाहिए? यह जानते हैं।
Accounting बनने के लिए योग्यता
1- शैक्षणिक योग्यता:
- 12वीं कक्षा में कॉमर्स विषय (अकाउंटेंसी, बिजनेस स्टडीज, और इकोनॉमिक्स)
- स्नातक डिग्री (B.Com, BBA)
- चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA) या कॉस्ट अकाउंटेंसी (CMA) जैसे प्रोफेशनल कोर्स
2- आवश्यक कौशल:
- एनालिटिकल स्किल
- डिटेलिंग पर ध्यान देना
- मैथमैटिकल नॉलेज
- टैक्सेशन और फाइनेंशियल सॉफ्टवेयर की समझ
3- प्रमाणपत्र:
- Tally, SAP, या अन्य अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर का ज्ञान
- CPA (Certified Public Accountant) या ACCA जैसे अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणपत्र
अब हम नीचे इस जॉब से रिलेटेड करियर के अवसर और सैलरी के बारे में बताने वाले हैं।
अकाउंटिंग में करियर के अवसर और सैलरी
करियर के अवसर:
- अकाउंटेंट
- टैक्स कंसल्टेंट
- ऑडिटर
- फाइनेंशियल एनालिस्ट
- चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA)
- कॉर्पोरेट अकाउंटिंग मैनेजर
सैलरी:
भारत में अकाउंटिंग क्षेत्र में सैलरी अनुभव और योग्यता पर निर्भर करती है।
- फ्रेशर: ₹2.5 लाख से ₹5 लाख प्रति वर्ष
- मध्य स्तर: ₹6 लाख से ₹12 लाख प्रति वर्ष
- सीनियर प्रोफेशनल: ₹15 लाख या अधिक प्रति वर्ष
Accounting का महत्व
- व्यवसाय की आर्थिक स्थिति को समझना
- कानूनी अनुपालन सुनिश्चित करना
- निवेशकों और शेयरधारकों को जानकारी प्रदान करना
- फाइनेंशियल रिस्क का प्रबंधन
निष्कर्ष
दोस्तों लास्ट में बताना चाहता हूं कि Accounting किसी भी व्यवसाय के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक है। यह न केवल वित्तीय जानकारी को व्यवस्थित करता है बल्कि व्यवसाय के विकास के लिए उचित निर्णय लेने में मदद करता है। यदि आप इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो अपनी योग्यता और कौशल को बेहतर बनाकर एक सफल अकाउंटेंट बनने का सपना साकार कर सकते हैं। इसी तरह की और जानकारी के लिए टॉप जॉब ज्ञान को हमेशा फॉलो करें।
लेखक: Balbodi Ramtoriya
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